फिर जर्जर हुआ सरयू पर बना भागलपुर पुल

कभी भी बंद हो सकता है बलिया-देवरिया मार्ग!

बलियाः तुर्तीपार-भागलपुर पुल भारी वाहनों के आवागमन के कारण फिर से एकबार पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। जिसके कारण पुल पर आवागमन कभी भी बंद हो सकता है। पिछले दो दशक में घाघरा नदी पर बने इस पुल एवं पुल पर बनी सड़क को कई बार रिपेयर भी किया जा चुका है। लगभग 1.185 किलोमीटर लंबे पुल पर बने स्पर कई जगह से पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए है। पुल का एक पाया काफी पहले ही नदी की तरफ धंस चुका है। जिसे रिपेयरकर आवागमन जारी है। जबकि पुल पर करीब दर्जनभर स्थानों पर स्पर के ज्वाइंट पूरी तरह टूट गए है। इनमें से अधिकांश जगह पर पुल पर मोटा सरिया भी निकल गया है। जिससे वाहनों के चक्के इन गड्ढों में फंस जा रहे है और बड़ी घटना की आशंका बनी रहती है। पुल पर अब सड़क दुर्घटनाओं की संख्या भी बढ़ गई है। जबकि उक्त पुल से होकर हर रोज दर्जनों स्कूली बस व सैकड़ों की संख्या में ट्रक, बस, ट्रैक्टर व भारी वाहन गुजरते है।

पुल पर स्पर हुए क्षतिग्रस्त, बड़ी दरार में पुल पर निकला सरिया

घाघरा नदी पर करीब 1185 मीटर लंबे बने भागलपुर पुल का उद्घाटन 26 दिसंबर 2001 को बतौर तत्कालीन सीएम राजनाथ सिंह ने किया था। जिसका निर्माण कार्य 14 वर्ष में पूरा हुआ था। यह पुल बलिया-सोनौली मुख्य मार्ग पर बलिया जनपद को सीधे देवरिया के रास्ते गोरखपुर होते हुए नौतनवां नेपाल तक जोड़ता है। घाघरा नदी पर बने इस पुल पर अब मरम्मत के भरोसे ही वाहनों के पहिए दौड़ रहे है। पुल पर मरम्मत के कई जोड़ पूरी तरह से फिर से चटक गए है और दर्जनों स्थान पर पुल के स्पर में दरार सा दिखने लगा है। जिसके कारण एकबार फिर इस पुल पर मरम्मत कराया जाना बहुत आवश्यक हो गया है।


उ.प्र. राज्य सेतु निगम लिमिटेड द्वारा घाघरा सेतु का विवरण
स्वीकृत लाग 2819.44 लाख,
लंबाई – 1185 मीटर,
नींव की नदी तल से गहराई- 44.50 मीटर
निर्माण की तिथि- 26 दिसंबर 2001
निर्माण शुरु होने की तिथि- 23 जनवरी 1987

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