सीमा की सुरक्षा ही राष्ट्र की सुरक्षा: शाह – CMG TIMES


नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज कहा कि उनकी सरकार सीमा की सुरक्षा को ही राष्ट्र की सुरक्षा मानती है इसलिए सीमा पर इनफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने पर लगातार काम कर रही है।श्री शाह ने सोमवार को अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती गांव किबितू में ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ का शुभारंभ करने के मौके पर यह कही। उन्होंने राज्य सरकार की नौ माइक्रो हाइडल परियोजनाओं और 120 करोड़ की लागत से भारत तिब्बत सीमा पुलिस आइटीबीपी की 14 परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया।

इस अवसर पर अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, केन्द्रीय गृह सचिव और आइटीबीपी के महानिदेशक सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।गृह मंत्री ने कहा कि सरकार ने सीमावर्ती गांवों के प्रति जनता का दृष्टिकोण बदला है, अब सीमावर्ती क्षेत्र में जाने वाले लोग इसे आखिरी गाँव नहीं बल्कि भारत के पहले गाँव के रूप में जानते हैं।सीमावर्ती क्षेत्र सरकार की प्राथमिकता हैं। उन्होंने कहा कि सीमा की सुरक्षा ही राष्ट्र की सुरक्षा है इसलिए मोदी सरकार सीमा पर इनफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने पर लगातार काम कर रही है।केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 1962 की लड़ाई में तत्कालीन कुमाऊं रेजीमेंट ने अदम्य साहस का परिचय दिया था।

उन्होंने कहा ,“ आज पूरा देश निश्चिंत होकर सोता है इसका कारण हमारे हिमवीर आईटीबीपी और सेना के जवानों का पराक्रम और उनका त्याग और बलिदान है और उन्हीं के कारण कोई हमारी सीमा की ओर आंख उठाकर देख भी नहीं सकता। 13 हज़ार फीट की ऊंचाई पर अपने परिवारों से दूर रहकर देश की सेवा कर रहे सभी जवानों के त्याग, बलिदान, शौर्य, उत्साह और देशभक्ति प्रणाम योग्य हैं।“उन्होंने कहा कि वायब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में उत्तरी सीमा से सटे 19 जिलों के 46 ब्लॉकों में 2967 गांवों की व्यापक विकास के लिए पहचान की गई है।

इस कार्यक्रम के पहले चरण में, 46 ब्लॉक में 662 गांवों की लगभग 1 लाख 42 हज़ार की आबादी को कवर किया जाएगा। इस योजना पर 2022 से लेकर 2026 तक 4800 करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे, 11 ज़िले, 28 ब्लॉक और 1451 गांवों को प्रथम चरण में शामिल किया गया है।उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत 3 स्तर पर गांवों के विकास के काम होंगे। वायब्रेंट विलेज के तहत गांवों में बसे हर व्यक्ति की सुविदाओं की चिंता भारत सरकार करेगी और विभिन्न योजनाओं को इस कार्यक्रम के तहत लोगों तक शत-प्रतिशत पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती गांवों में एक भी घर ऐसा नहीं रहेगा जहां मूलभूत सुविधाएं नहीं होंगी।

श्री शाह ने कहा कि वित्तीय समावेशन और आर्थिक अवसरों को प्रोत्साहन देने का काम भी होगा। पर्यटन, स्थानीय संस्कृति और भाषा का संरक्षण और संवर्धन करते हुए इन गांवों का विकास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का दूसरा लक्ष्य है, यहां से पलायन रोकना जिसके लिए रोज़गार की व्यवस्था यहीं पर की जाएगी और पलायन से प्रभावित गांवों में पूर्ववर्ती स्थिति लाने का 5 साल का लक्ष्य रखा गया है। श्री शाह ने कहा कि इस कार्यक्रम का तीसरा लक्ष्य है, सीमावर्ती गांवों में मूलभूत इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा करना। उन्होंने कहा कि 3 चरणों में होने वाले वायब्रेंट विलेज कार्यक्रम के माध्यम से पूरी उत्तरी सीमा के सभी गांवों से पलायन रोकना,पर्यटन को बढ़ावा देना और शहरों जैसी सभी सुविधाएं उपलब्ध कराना मोदी सरकार का लक्ष्य है।(वार्ता)

 

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