बलिया में दबंग इंस्पेक्टर की पटकथा…
पुलिस की मनबढ़ई पर जनप्रतिनिधियों की चुप्पी से बढ़ा खाकी का खौफ

बलियाः उभांव पुलिस के रवैये से लगातार बढ़ते असंतोष और पुलिसिया दबंगई से बढ़ती पीड़ितों की संख्या के बावजूद विभाग तो खामोश है ही क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की चुप्पी से भी जनता में खाकी का खौफ बढ़ता जा रहा है। क्षेत्रीय सत्ताधारी दल के विधायक धनंजय कन्नौजिया मामले में चुप्पी साधे हुए है। सलेमपुर सांसद रविंद्र कन्नौजिया, राज्यसभा सांसद सकलदीप राजभर तो पूरे मामले से अंजान बने हुए है। स्थानीय नगरपंचायत चेयरमैन दिनेश गुप्ता भी इंस्पेक्टर के रवैये को लेकर एसपी से वार्ता करने में भी असफल रहे। जबकि उभांव इंस्पेक्टर ज्ञानेश्वर मिश्र लगातार अपने कार्यशैली से चर्चा का केंद्र बने हुए है और उनके व्यवहार से दुखी होने वाले और पुलिस से न्याय की आस टूटने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
मामला नं. 1
– उभांव थाना के चकिया गांव में राजभर समाज के दो पक्षों में हुए हिंसक संघर्ष और मारपीट मामले में पुलिस पर एकपक्षीय कार्रवाई का आरोप लगा। एक पक्ष की नाबालिग किशोरियों ने तो थाना में पुलिस द्वारा पीटे जाने का भी आरोप लगाया।
मामला नं. 2
– उभांव इंस्पेक्टर ज्ञानेश्वर मिश्र अपने मनमाना फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए सीयर सीएचसी अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डा. साजिद हुसैन को जमकर हड़काया और धमकी दी। जिसका आडियो वायरल हुआ। विरोध में में चिकित्सकों ने अस्पताल पर हड़ताल कर दिया। बंद कमरे में इंस्पेक्टर ने चिकित्सक से माफी मांगकर मामला जैसे तैसे सलटाया।
ममला नं. 3
– डाक्टरों के साथ बंद कमरे में माफी मांग रहे इंस्पेक्टर के मामले के कवरेज करने पहुंचे पत्रकारों से ही भिड़ गए। एसडीएम सर्वेश यादव के सामने ही पत्रकार विजय मद्धेशिया को फर्जी मुकदमा में फंसाने की धमकी दे डाली। जिसका विडियो वायरल हुआ।
मामला नं. 4
– सोनाडीह में कन्नौजिया परिवार की महिला के दोनों पैर तोड़ने वाले को बचाने का उभांव पुलिस पर लगा आरोप। मनबढ़ों द्वारा महिला को दोबारा पिटने की घटना पर हुए हंगामे की सूचना पर रात में सोनाडीह पहुंची उभांव पुलिस की जमकर फजीहत हुई। ग्रामीणों ने पुलिस पर मनबढ़ को बचाने का आरोप लगाया।
ममला नं. 5
– सोनाडीह की पीड़ित महिला को न्याय के लिए एसपी से वार्ता करने वाली महिला अधिवक्ता स्नेहा सिंह को इंस्पेक्टर ज्ञानेश्वर मिश्र ने जमकर हड़काया और इन्हें भी फर्जी मुकदमा में फंसाने की धमकी दे डाली। इसका भी आडियो वायरल हुआ।
मामला नं. 6
– उभांव थाना पर पीड़ितों की फरियाद लेकर पहुंचे हिंदू युवा वाहिनी के जिला संगठन मंत्री संजीत शर्मा को उभांव थाना से सिपाही द्वारा जबरन बाहर करना। दबंग इंस्पेक्टर के व्यवहार से दुखी संजीत अपने सम्मान के लिए पुलिस के उच्चाधिकारियों से लेकर शासन तक गुहार लगा रहे है।
ममला नं. 7
– उभांव थाना गेट पर एक दर्जन भाजपा और भाजयुमो नेताओं के पाकेट से उच्चकों ने लाखों रुपए पर हाथ साफ कर दिया।
ममला नं. 8
– इंस्पेक्टर साहब अपने कार्यशैली से नरही और रसड़ा में अपने कार्यकाल के दौरान भी काफी चर्चित रहे है और वहां भी पत्रकारों को खुली धमकी दे चुके है।