सफाई बिन अखोप-तरछापार नहर टूटा, सड़क काट खेतों में बहने लगा पानी

- तरछापार-कुण्डैल मार्ग बहा, आवागमन बाधित, दर्जनों लोग गिरकर हुए चोटिल

बलियाः समुचित सफाई बिना बारिश के पानी के दबाव से जनपद बलिया के बिल्थरारोड में अखोप-तरछापार नहर तहसील क्षेत्र के बीबीपुर के समीप देर रात अचानक टूट गई। नहर का पानी सीधे सड़क पर बहने लगा। जिससे रातभर में ही माइनर के पानी की तेज धार से तरछापार-कुण्डैल मार्ग की सड़क कट गई और नहर का पानी सड़क से होते हुए सीधे खेतों में बहने लगा। तरछपार और पतनारी गांव के खेत पूरी तरह से डूब गए है। जबकि सड़क के कटने से तरछापार-कुण्डैल मार्ग पर आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया। गुरुवार को दर्जनों लोग इस टूटे हुए मार्ग से होकर निकलने में गिरकर चोटिल हो गए। कुशहाभांड के पूर्व प्रधान प्रतिनिधि राजू यादव ने बताया कि नहर की अगर समय रहते तरछापार कुण्डैल से तुर्तीपार तक सफाई हो गया होता तो दर्जनों गांव के किसानों के खेत बारिश और नहर के पानी से डूबने से बच जाते और इस सड़क को भी नुकसान नहीं पहुंचता। पूर्व प्रधान राजू यादव, संजय भारती, ब्रजराज यादव उर्फ टुन्नू समेत अनेक ग्रामिणों ने इस नहर के टेल तक की सफाई और सड़क निर्माण की मांग की है। नहर टूटने और सड़क कटने से लोगों में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है।


नहर टूटने से डूब गए दर्जनों गांव के खेत, बच गई आबादी
तरछापार के पास अखोप नहर के टूटने से पास के तरछापार, कुशहांभांड, तेंदुआ, पतनारी, बीबीपुर, कुण्डैल गांव के अधिकांश हिस्से पानी में डूब गए है। धान लगी फसल जलजमाव से सड़ने लगे है। हालांकि इसके टूट जाने से तरछापार, तेंदुआ, कुण्डैल की अधिकांश आबादी डूबने से बच गई। अगर यही नहर पश्चिम के बजाएं पूरब दिशा की ओर टूटता तो तय है कि आधा दर्जन गांव की आबादी जलमग्न हो जाती और हजारों लोग पानी से घिर जाते। ऐसे में कई मकानों के गिरने का भी खतरा बढ़ सकता था।


20 किलोमीटर है लंबी नहर हर साल मचाती है तबाही
भुजैनी से तुर्तीपार तक की करीब 20 किलोमीटर की लंबी नहर है। जो हर साल तबाही मचाता है। जिससे किसानों को सिंचाई में काफी सहायता मिलती है किंतु यही नहर अखोप से तरछापार होते हुए तुर्तीपार तक तरछापार, पतनारी, कुशहाभांड, तेंदुआ, बीबीपुर, बांसपार बहोरवां, मुबारकपुर तक के करीब एक दर्जन गांव के लिए अभिशाप बन गई है। सिंचाई विभाग द्वारा तरछापार तुर्तीपार माइनर की न तो टेल तक सफाई की जाती है और न ही इसका पानी खेतों तक पहुंचता है। नहर हर साल तरछापार के पास पानी के लोड से कट जाता है। जिसे लेकर विभागीय अधिकारी बेपरवाह बने रहते है। जबकि भुजैनी से गोविंदपुर, किड़िहिरापुर, पशुहारी, भीआ भुआरी, बनकरा, ससना, अखोप होते हुए पतनारी, तरछापार, कुण्डैल, बांसपार बहोरवां, मुबारकपुर से तुर्तीपार तक इस नहर की लंबाई करीब 20 किलोमीटर है।

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