भारतीय परंपरा सदा से पर्यावरण हितैषी : योगी – CMG TIMES


  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो दिवसीय नेशनल क्लाइमेट कॉन्क्लेव-2023 का किया उद्घाटन
  • बोले सीएम- ये धरती हमारी मां है, इसके प्रति हमें अपने दायित्वों का करना होगा सही प्रकार से निर्वहन

लखनऊ । एक तरफ विकास आज की आवश्यक्ता है, तो पर्यावरण और प्रकृति के प्रति दायित्वों से भी हम मुक्त नहीं हो सकते। मनुष्य ने अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए प्रकृति का अतिदोहन करके जिन दुष्परिणामों को आमंत्रित किया है, आज हम सब उसके भुक्तभोगी बन रहे हैं। क्लाइमेट चेंज आज दुनिया के सामने एक बड़ी चुनौती है। विगत सालों में असमय अतिवृष्टि के रूप में हम इसके दुष्परिणामों को देखा है। भारत की परंपरा सदैव से पर्यावरण हितैषी रही है। ये धरती हमारी माता है और हम सब इसके पुत्र हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत पूरी दुनिया को पर्यावरण संरक्षण की नई राह दिखाने का कार्य कर रहा है। उत्तर प्रदेश में लगातार इस दिशा में कार्य हो रहे हैं। आगामी जुलाई माह में प्रदेशभर में 35 करोड़ पौधरोपण किया जाएगा। 2017 के बाद से अबतक यूपी में 133 करोड़ पौधरोपण का कार्य हुआ है। यही कारण है कि आज प्रदेश की जनता में भी पर्यावरण संरक्षण को लेकर सकारात्मक भाव पैदा हुआ है। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित दो दिवसीय नेशनल क्लाइमेट कॉन्क्लेव-2023 का उद्घाटन करते हुए कही।

प्रकृति के अतिदोहन से सामने आ रहे दुष्परिणाम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो दिवसीय नेशनल क्लाइमेट कॉन्क्लेव में देशभर से आए प्रतिनिधगणों का स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए कहा कि दुनिया के सबसे प्राचीन ग्रंथ में वेदों में अथर्ववेद का एक सूक्त हमें धरती के प्रति अगाध निष्ठा के साथ जोड़ने का प्रयास करता है। इसके अनुसार धरती हमारी माता हैं और हम सब इसके पुत्र हैं। संपूर्ण जीव सृष्टि में प्रकृति प्रदत्त मां के प्रति दायित्व का दर्शन होता है। उन्होंने कहा कि क्लाइमेट चेंज आज एक बड़ी चुनौती है। विगत साल हमने असमय अतिवृष्टि को देखा है। बीते 25 साल के सार्वजनिक जीवन में मैंने कभी नहीं देखा कि अक्टूबर में बाढ़ आई हो। किसान को जब पानी की जरूरत है तो बारिश नहीं होती और फसल काटते वक्त असमय बरसात पूरी मेहनत पर पानी फेर देती है।

100 साल से पुराने वृक्षों को विरासत वृक्ष के रूप में किया जा संरक्षित

सीएम ने कहा कि 2017 में जब हमें सरकार बनाने का अवसर प्राप्त हुआ तब पहले वर्ष हमने 5 करोड़, फिर 10 करोड़ पौधरोपण किया। विगत 6 साल में यूपी में 133 करेाड़ पौधरोपण का कार्य किया गया है। आज यूपी में आम नागरिकों में पर्यावरण संरक्षण का भाव पैदा हुआ है। आज हम 100 साल से पुराने वृक्षों को विरासत वृक्ष के रूप में मान्यता देकर उनका संरक्षण कर रहे हैं। प्रदेश में ऐसे कई वृक्ष हैं, जिनके नीचे बैठकर क्रांतिकारियों ने देश की आजादी की रणनीति तय की।

उन्होंने गोरखनाथ मंदिर में मौजूद आम के पुराने वृक्ष से संबंधित स्मृतियों का वर्णन करते हुए बताया कि बद्रीनाथ धाम के सिद्ध योगी सुंदरनाथ 1907 में गोरखनाथ मंदिर आए और वहां मौजूद आम के वृक्ष के नीचे तत्कालीन महंत बाबा गंभीरनाथ के साथ संवाद किया। वो वृक्ष आज भी वहां मौजूद है और फल देता है। इसके अलावा 1912 में भारत सेवा श्रम संघ के संस्थापक स्वामी प्रणवानंद ने भी उसी वृक्ष के नीचे बाबा गंभीरनाथ से दीक्षा ली थी।

यूपी में शुरू हुआ है विषमुक्त खेती का बड़ा अभियान

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में डीजल और पेट्रोल की गाडियों को धीरे धीरे सड़क से हटाकर ई-व्हीकल और ग्रीन इनर्जी को प्रमोट करने का कार्य हो रहा है। यूपी आज सबसे ज्यादा एथनॉल उत्पादन कर रहा है। प्रदेश में खेती को विषमुक्त करने का अभिनव कार्य प्रारंभ हुआ है। यूपी में हम प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं। गोमाता की रक्षा के साथ गो आधारित खेती के जरिए विषमुक्त खेती का अभियान शुरू किया। गंगा तटवर्ती 27 जिलों और बुंदेलखंड में 1.30 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हम जैविक और प्राकृतिक खेती कर रहे हैं।

यूपी में 8 हजार से अधिक अमृत सरोवरों का किया गया निर्माण

सीएम ने बताया कि नमामी गंगे परियोजना से काफी अच्छे परिणाम सामने आये हैं। आज प्रयागराज से बक्सर तक गंगा में डालफिन दिख रही हैं। पहले कानपुर में 14 करोड़ लीटर सीवर गिरता था, आज एक बूंद भी नहीं गिरता। 2019 का प्रयागराज कुंभ ने जिस ऊंचाई को प्राप्त किया, उसके पीछे नमामी गंगे परियोजना की सफलता ही थी। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश के अंदर 8 हजार अमृत सरोवर का निर्माण किया जा चुका है। वन विभाग ने इन सरोवरों के तटवर्ती क्षेत्रों में व्यापक रूप से पौधरोपण का अभियान चलाया है।

स्टेट क्लाइमेट चेंज नॉलेज सेंटर का उद्घाटन

इस दौरान केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेन्द्र यादव और सीएम योगी ने कान्क्लेव में लगाए गए एग्जीबिशन का भी अवलोकन किया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन एवं प्रदेश के विरासत वृक्षों पर आधारित पुस्तिकाओं का विमोचन किया। साथ ही उत्तर प्रदेश स्टेट क्लाइमेट चेंज नॉलेज सेंटर का उद्घाटन किया। इसके अलावा पर्यावरण क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों और अधिकारियों को सम्मानित किया।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्पों को पूरा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश भारत का ग्रोथ इंजन बन रहा है। यहां आयोजित क्लाइमेट कॉन्क्लेव 2023 का दो दिवसीय आयोजन पर्यावरण के क्षेत्र में मील का पत्थर बनेगा। प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जिस गति से महत्वपूर्ण कार्य हुए हैं वो पूरे देश के लिए अनुकरणीय है।

इस अवसर पर प्रदेश के वन पर्यावरण जंतु उद्याग एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ अरुण कुमार सक्सेना, राज्यमंत्री वन पर्यावरण, जंतु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री केपी मलिक और देशभर से आए पर्यावरणविद् मौजूद रहे।

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