हनी ट्रैपः उच्चस्तरीय जांच से ही खुल सकेगा ब्लैकमेलिंग का राज

- चार बैंक खातों में भेजा गया साढ़े 12 लाख

बलियाः एयरफोर्स कारपोरल के हनी ट्रैप मामले का राज उच्चस्तरीय जांच से ही खुल सकेगा। पीड़ित ने बलिया एसपी राजकरन नैय्यर से उच्चस्तरीय जांच की मांग भी किया है। पूरे मामले में धनउगाही की रकम साढ़े 12 लाख रुपया तो बैंक खाते से लिया गया है। ब्लैकमेलरों ने यह रकम छोटे-छोटे रकम के रुप में चार अलग-अलग बैंक खातों में मंगवाया। जबकि कुछ पैसे जब-तब नगद भी लिया जाता रहा और सपनीले प्यार की कीमत अब तक 20 लाख रुपए वसूली जा चुकी है।
दो साल से चलता रहा प्यार का खेल
हनी ट्रैप का खेल दो साल तक चला। पहला साल तो एयरफोर्स जवान को प्यार के रास्ते विश्वास में लेने में निकल गया किंतु अंतिम के पूरे एक साल शिकार को ब्लैकमेलरों ने जमकर कैश किया।
दरोगा जी कर रहे जांच, वादी का हो रहा इंतजार
पुलिस ने संबंधित धोखाधड़ी के संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। जिसका फिलहाल दरोगा जी जांच कर रहे और विवेचना आगे बढ़ाने के लिए विवेचक को वादी का बयान दर्ज करने के लिए पीड़ित के आने का इंतजार कर रहे है। जबकि पीड़ित पश्चिम बंगाल कलाईकुंडा के 5 विंग एयरफोर्स में कारर्पोरल पद पर कार्यरत है और उभांव थाना के मोलनापुर गांव मूल निवासी है। पीड़ित के अगले एक पखवारे में लौटने की उम्मीद जताई जा रही है। पुलिस शुरुआती जांच के दौरान मुकदमे में सामने आएं करीब पांच मोबाइल नंबरों को फिलहाल ट्रैस कर रही है। जिसके काॅल डिटेल्स और सीडीआर के पीछे लग गई है।
जांच के बाद ही खुलेगा ब्लैकमेलरों का राज
मामले मेें सच्चाई की असली कहानी तो पुलिस की जांच के बाद ही सामने आ सकेगी। आपको बता दें कि मोलनापुर गांव निवासी धर्मेंद्र राजभर एयरफोर्स 4 विंग पश्चिम बंगाल कलाईकुंडा में कारपोरल पद पर कार्यरत है। जिन्होंने कई डाक्टरों समेत अपने गांव के करीब 20 नामजद लोगों पर गिरोह बनाकर हनी ट्रैप करने और करीब 12.5 लाख रुपया की धनउगाही करने का आरोप लगाया है। इस ब्लैकमेलिंग में पीड़ित ने करीब 20 लाख रुपए के कर्जदार होने की बात स्वीकारी है और पूरे मामले में न्याय की गुहार लगाई है।

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