बलिया के आर्यन ने डेनमार्क में बनाई पहचान

अंतराष्ट्रीय बाल महासभा में आर्यन ने किया भारत का प्रतिनिधित्व

बलियाः जनपद बलिया के लाल आर्यन ने 16 वर्ष की अवस्था में डेनमार्क शहर बिलुंड में भारत का परचम लहराया है। बिलुंड में आयोजित पहली अंतर्राष्ट्रीय बाल महासभा में आर्यन ने भारत का प्रतिनिधित्व किया और देश का नाम बढाया। आर्यन ने बलिया का नाम पूरे देश में रोशन किया है। जनपद के हर एक शख्स आर्यन की इस उपलब्धी पर गौरवान्वित है।
न्यूयार्क और डेनमार्क में 40 देश के कार्यक्रम में एकलौते भारतीय है आर्यन
संयुक्त राष्ट्र महासभा का 76वां सत्र 21 से 27 सितंबर तक न्यूयार्क शहर में आयोजित हुआ। इस दौरान 19 से 21 सितंबर तक डेनमार्क के शहर बिलुंड में पहली अंतर्राष्ट्रीय बाल महासभा आयोजित की गई। इसमें भाग लेने के लिए दुनिया के 40 देशों से 80 प्रतिभागियों को चयनित किया गया था। इस चयनित प्रतिभागियों को दस अलग-अलग समूहो में बांटकर उनकी मानसिक दक्षता का परीक्षण किया गया। खास बात यह है कि आर्यन चैधरी इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले एक मात्र भारतीय थे। बिलुंड में आयोजित बाल महासभा में बलिया की इस प्रतिभा ने पूरे भारत देश का प्रतिनिधित्व किया और साबित कर दिया कि भारतीय किसी से कम नहीं है।
बलिया के मूल निवासी है आर्यन
आर्यन के पारिवारिक परिप्रेक्ष्य की बात करें तो वह सेवानिवृत्त कृषि वैज्ञानिक डा. लालबचन चैधरी के पौत्र है। आर्यन के पिता गाजियाबाद में एफएमडी सेक्टर से जुडे है। आर्यन रॉयन इंटरनेशनल स्कूल नोएडा में 11वीं के छात्र है। आर्यन इतनी छोटी सी उम्र में अद्भुत प्रतिभा के धनी है। जो बलिया जनपद के खरीद नामक कस्बा के मूल निवासी है। आर्यन की इस उपलब्धि पर बलिया में हर्ष का माहौल है।

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