स्वदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी है अमेरिकन विनय सिंह की जंग

सच्ची और अच्छी नीति वाले को ही समर्थन देने का जनता के बीच जगा रहे अलख

बलियाः भारतीय मूल के अमेरिकन विनय सिंह की स्वदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग जारी है। बलिया जनपद के ताड़ीबड़ागांव के मूल निवासी विनय सिंह इन दिनों अपने गृहजनपद में है। वे जनता के बीच अच्छे और सच्चे प्रत्याशी को ही वोट देने की अपील कर रहे है और देश में होने वाले विभिन्न चुनावों में धनतंत्र के बजाएं फिर से जनतंत्र की स्थापना के लिए चुनाव प्रक्रिया में बड़े बदलाव की मांग कर रहे है। साथ ही भ्रष्टाचार मिटाओ सेना की जंग को आगे बढ़ाते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ साथ देने वाले राजनीतिक दलों को तन, मन, धन से साथ देने का घोषणा भी किया। कहा कि देश में हर अधिकारी, बड़े नेता की बेनामी संपत्ति की जांच लोकपाल जैसे स्वतंत्र एजेंसी से कराया जाना चाहिए। न्याय व्यवस्था में सुधार होना चाहिए और चुनाव में महंगे प्रचार के बजाएं, प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया से प्रचार के अलावा चुनाव आयोग द्वारा ही प्रत्याशियों का बायोडाटा घर-घर पहुंचवाना चाहिए।
फिलहाल दो महीने के लिए अपने देश लौटे है विनय सिंह
बलिया जनपद के मूल निवासी विनय सिंह फिलहाल दो महीने के लिए अपने देश में है और बलिया से ही पूर्वांचल के कई जनपदों का दौराकर लोगों भ्रष्टाचार के खिलाफ जनचेतना जगाने में लगे है। विनय सिंह अमेरिका में पिछले कई साल से युवा वैज्ञानिक के रुप में काम कर रहे है और अपने देश में बढ़ते भ्रष्टाचार के लिए चिंतित रहते है। उन्होंने भ्रष्टाचार मिटाओ सेना का गठन भी किया है।
प्रमुख मांग
1. देश के हर बड़े-छोटे अधिकारी, राजनेता और ओहदेदार मंत्रियों के नामी बेनामी संपत्ति के साथ घर एवं बैंक में रखे सोने चांदी एवं जेवरात की प्रति वर्ष स्वतंत्र संस्था लोकपाल के अधीन सीबीआई द्वारा जांच हो और आय से एक रुपए भी अधिक पाए जाने पर उनकी सरकारी नौकरी या संबंधित पद से बर्खास्तगी के साथ उसकी सारी संपत्ति जब्त हो और कम से कम दस साल के सश्रम कारावास की व्यवस्था हो।
2. देश में विधायक, सांसद, चेयरमैन, प्रधान आदि किसी भी चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशियों के प्रचार प्रसार पर रोक लगाया जाएं और सिर्फ उन प्रत्याशियों के बायोडाटा को चुनाव आयोग के माध्यम से ही घर-घर तक पहुंचाने की व्यवस्था हो। ताकि चुनाव में किसी भी प्रत्याशी का एक रुपया खर्च ना हो। जिससे चुनाव मंें बराबरी का मौका मिले और जनतंत्र को धनतंत्र बनने से रोका जा सके।
3. न्याय में देरी अन्याय है। देश में त्वरित न्याय दिलाने के लिए हर तरह के मुकदमे के निपटारे के लिए समय सीमा निर्धारित किया जाना चाहिए। यदि समय सीमा में फैसला नहीं आता है तो मुकदमे से जुड़े जज, वकील और जांच अधिकारियों पर जुर्माने की व्यवस्था हो और इस जुर्माने की राशि को अन्याय के भुक्तभोगी को देय हो।

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