पूर्व सैनिक राष्ट्र की संपत्ति इनके अनुभव का लाभ उठायें राज्य: राजनाथ – CMG TIMES

नयी दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्व सैनिकों को राष्ट्रीय संपत्ति बताते हुए राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों से देश की तरक्की के लिए उनके समृद्ध तथा व्यावहारिक अनुभव का उपयोग करने के लिए नए तौर-तरीके बनाने का आग्रह किया है।श्री सिंह ने मंगलवार को यहां केंद्रीय सैनिक बोर्ड (केएसबी) की 31वीं बैठक की अध्यक्षता की। केएसबी केंद्र सरकार, राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों की शीर्ष संस्था है। इसे पूर्व सैनिकों (ईएसएम) के कल्याण और पुनर्वास का उत्तरदायित्व सौंपा गया है।

बैठक में नीतिगत उपायों के माध्यम से पूर्व सैनिकों तक पहुंचने बनाने के विचार-विमर्श किया गया ताकि उनके कल्याण और पुनर्वास को और अधिक सुनिश्चित किया जा सके।रक्षा मंत्री ने पूर्व सैनिकों को राष्ट्रीय संपत्ति बताया और देश के लाभ के लिए उनके समृद्ध तथा व्यावहारिक अनुभव का उपयोग करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से नए तौर-तरीके बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अनेक राज्यों में पूर्व सैनिकों के लिए नौकरियों में आरक्षण है, जिस पर पूरी तरह से अमल किया जाना चाहिए और इसकी निगरानी की जानी चाहिए।

श्री सिंह ने कहा कि केंद्र और राज्य तथा केन्द्र शासित प्रदेशों ने सैनिकों के कल्याण के लिए हमेशा एक साथ काम किया है। उन्होंने केएसबी द्वारा किए जा रहे कार्यों को सहकारी संघवाद का ज्वलंत उदाहरण बताया। उन्होंने कहा,“राज्यों और राजनीतिक दलों के बीच अनेक विषयों पर मतभेद हैं। यह सब लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन जब बात सैनिकों और पूर्व सैनिकों के कल्याण की आती है तो सभी एक साथ आ जाते हैं। हमारे सैनिकों को लेकर हमेशा सामाजिक और राजनीतिक सहमति रही है। सशस्त्र बल समान रूप से पूरे देश की रक्षा करते हैं। यह हमारी राष्ट्रीय और सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम यह सुनिश्चित करें कि सेवानिवृत्ति के बाद समाज में वापस जाने वाले हमारे सैनिक सम्मानित जीवन जीएं।”

उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में केएसबी की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत लगभग 3.16 लाख लाभार्थियों को लगभग 800 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। पिछले वित्त वर्ष में एक लाख लाभार्थियों को लगभग 240 करोड़ रुपए दिए गए। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा आवश्यक बजट प्रदान किया जा रहा है।रक्षा मंत्री ने कहा कि पैराप्लैजिक पुनर्वास केंद्र, किर्की, चेशर होम, मोहाली तथा देहरादून, लखनऊ और दिल्ली सहित देश के 36 युद्ध स्मारक अस्पतालों को संस्थागत अनुदान दिये गये हैं। उन्होंने दोहराया कि पूर्व सैनिकों की स्वास्थ्य सेवा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और पूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) सुविधाओं की नियमित आधार पर समीक्षा की जा रही है।

रक्षा मंत्री ने सीमाओं की सुरक्षा और विशेषकर प्राकृतिक आपदाओं के दौरान कार्य करने के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की। उन्होंने सेवानिवृत्त होने के बाद मातृभूमि की सेवा करने का भाव बनाए रखने के लिए पूर्व सैनिकों की सराहना की। उन्होंने अनेक अवसरों, विशेषकर कोविड-19 महामारी के विरुद्ध देश की लड़ाई के दौरान, पूर्व सैनिकों द्वारा किए गए मूल्यवान योगदान को रेखांकित किया। पूर्व सैनिकों ने देश के विभिन्न भागों में जरूरतमंद लोगों को दवाएं, वेंटीलेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर तथा अन्य राहत सामग्री प्रदान करने में सरकार के प्रयासों में सहायता दी थी।

बैठक के एजेंडे में सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस समारोह का दायरा बढ़ाने के उपाय, पूर्व सैनिक (ईएसएम) समुदाय में गौरव की भावना बढ़ाने, सशस्त्र सेना झंड़ा दिवस कोष के अंतर्गत अनुदानों में वृद्धि, सशस्त्र बल कर्मियों को राज्य लाभ एवं अनुदान प्रदान करने में एकरूपता, संबंधित राज्यों में ईएसएम कारपोरेशन की स्थापना तथा सबसे अच्छा कार्य प्रदर्शन करने वाले राज्य सैनिक बोर्ड के लिए पुरस्कार का गठन शामिल था। श्री सिंह ने आशा व्यक्त की कि सिस्टम फॉर पेंशन एडमिनिस्ट्रेशन रक्षा (एसपीएआरएसएच-स्पर्श) पूर्व सैनिकों की पेंशन से संबंधित समस्याओं को सुलझाने में सफल होगी।

उन्होंने राज्य सरकारों से पूर्व सैनिकों के साथ-साथ सेवारत कर्मियों के भूमि विवादों को सुलझाने में उच्च प्राथमिकता देने का आग्रह किया।विचार-विमर्श में विभिन्न राज्यों के मंत्री, प्रमख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरिकुमार, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, सचिव (पूर्व सैनिक कल्याण) विजय कुमार सिंह, केएसबी के सचिव कॉमोडोर एच.पी. सिंह, राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और सैन्य अधिकारियों ने भाग लिया।(वार्ता)

The post पूर्व सैनिक राष्ट्र की संपत्ति इनके अनुभव का लाभ उठायें राज्य: राजनाथ appeared first on CMG TIMES.

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *